नमाज़े अस्र की क़सम
बेशक इन्सान घाटे में है
मगर जो लोग ईमान लाए, और अच्छे काम करते रहे और आपस में हक़ का हुक्म और सब्र की वसीयत करते रहे
हर ताना देने वाले चुग़लख़ोर की ख़राबी है
जो माल को जमा करता है और गिन गिन कर रखता है
वह समझता है कि उसका माल उसे हमेशा ज़िन्दा बाक़ी रखेगा
हरगिज़ नहीं वह तो ज़रूर हुतमा में डाला जाएगा
और तुमको क्या मालूम हतमा क्या है
वह ख़ुदा की भड़काई हुई आग है जो (तलवे से लगी तो) दिलों तक चढ़ जाएगी
ये लोग आग के लम्बे सुतूनो
में डाल कर बन्द कर दिए
जाएँगे
ऐ रसूल क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे परवरदिगार ने हाथी वालों के साथ क्या किया
क्या उसने उनकी तमाम तद्बीरें ग़लत नहीं कर दीं (ज़रूर)
और उन पर झुन्ड की झुन्ड चिड़ियाँ भेज दीं
जो उन पर खरन्जों की कंकरियाँ फेकती थीं
तो उन्हें चबाए हुए भूस की (तबाह) कर दिया