चूँकि क़ुरैश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है
तो उनको मानूस कर देने की वजह से
इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए
जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया
क्या तुमने उस शख़्श को भी देखा है जो रोज़ जज़ा को झुठलाता है
ये तो वही (कम्बख्त) है जो यतीम को धक्के देता है
और मोहताजों को खिलाने के लिए (लोगों को) आमादा नहीं करता
तो उन नमाज़ियों की तबाही है
जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल रहते हैं
जो दिखाने के वास्ते करते हैं
और रोज़मर्रा की मालूली चीज़ें भी आरियत नहीं देते
(ऐ रसूल) हमनें तुमको को कौसर अता किया,
तो तुम अपने परवरदिगार की नमाज़ पढ़ा करो
और क़ुर्बानी दिया करो बेशक तुम्हारा दुश्मन बे औलाद रहेगा