और ये कि वही नर और मादा दो किस्म (के हैवान) नुत्फे से जब (रहम में) डाला जाता है
पैदा करता है
और ये कि उसी पर (कयामत में) दोबारा उठाना लाज़िम है
और ये कि वही मालदार बनाता है और सरमाया अता करता है,
और ये कि वही योअराए का मालिक है
और ये कि उसी ने पहले (क़ौमे) आद को हलाक किया
और समूद को भी ग़रज़ किसी को बाक़ी न छोड़ा
और (उसके) पहले नूह की क़ौम को बेशक ये लोग बड़े ही ज़ालिम और बड़े ही सरकश थे
और उसी ने (क़ौमे लूत की) उलटी हुई बस्तियों को दे पटका
(फिर उन पर) जो छाया सो छाया
तो तू (ऐ इन्सान आख़िर) अपने परवरदिगार की कौन सी नेअमत पर शक़ किया करेगा
ये (मोहम्मद भी अगले डराने वाले पैग़म्बरों में से एक डरने वाला) पैग़म्बर है
कयामत क़रीब आ गयी
ख़ुदा के सिवा उसे कोई टाल नहीं सकता
तो क्या तुम लोग इस बात से ताज्जुब करते हो और हँसते हो
और रोते नहीं हो
और तुम इस क़दर ग़ाफ़िल हो तो ख़ुदा के आगे सजदे किया करो
और (उसी की) इबादत किया करो (62) सजदा
क़यामत क़रीब आ गयी और चाँद दो टुकड़े हो गया
और अगर ये कुफ्फ़ार कोई मौजिज़ा देखते हैं, तो मुँह फेर लेते हैं, और कहते हैं कि ये तो बड़ा ज़बरदस्त जादू है
और उन लोगों ने झुठलाया और अपनी नफ़सियानी ख्वाहिशों की पैरवी की, और हर काम का वक्त मुक़र्रर है
और उनके पास तो वह हालात पहुँच चुके हैं जिनमें काफी तम्बीह थीं
और इन्तेहा दर्जे की दानाई मगर (उनको तो) डराना कुछ फ़ायदा नहीं देता
तो (ऐ रसूल) तुम भी उनसे किनाराकश रहो, जिस दिन एक बुलाने वाला (इसराफ़ील) एक अजनबी और नागवार चीज़ की तरफ़ बुलाएगा