जिसको गुनेहगारों के सिवा कोई नहीं खाएगा
तो मुझे उन चीज़ों की क़सम है
जो तुम्हें दिखाई देती हैं
और जो तुम्हें नहीं सुझाई देती कि बेशक ये (क़ुरान)
एक मोअज़िज़ फरिश्ते का लाया हुआ पैग़ाम है
और ये किसी शायर की तुक बन्दी नहीं तुम लोग तो बहुत कम ईमान लाते हो
और न किसी काहिन की (ख्याली) बात है तुम लोग तो बहुत कम ग़ौर करते हो
सारे जहाँन के परवरदिगार का नाज़िल किया हुआ (क़लाम) है
अगर रसूल हमारी निस्बत कोई झूठ बात बना लाते
तो हम उनका दाहिना हाथ पकड़ लेते
फिर हम ज़रूर उनकी गर्दन उड़ा देते
तो तुममें से कोई उनसे (मुझे रोक न सकता)
ये तो परहेज़गारों के लिए नसीहत है
और हम ख़ूब जानते हैं कि तुम में से कुछ लोग (इसके) झुठलाने वाले हैं
और इसमें शक़ नहीं कि ये काफ़िरों की हसरत का बाएस है
और इसमें शक़ नहीं कि ये यक़ीनन बरहक़ है
तो तुम अपने परवरदिगार की तसबीह करो
एक माँगने वाले ने काफिरों के लिए होकर रहने वाले अज़ाब को माँगा
जिसको कोई टाल नहीं सकता
जो दर्जे वाले ख़ुदा की तरफ से (होने वाला) था
जिसकी तरफ फ़रिश्ते और रूहुल अमीन चढ़ते हैं (और ये) एक दिन में इतनी मुसाफ़त तय करते हैं जिसका अन्दाज़ा पचास हज़ार बरस का होगा
तो तुम अच्छी तरह इन तक़लीफों को बरदाश्त करते रहो
वह (क़यामत) उनकी निगाह में बहुत दूर है
और हमारी नज़र में नज़दीक है
जिस दिन आसमान पिघले हुए ताँबे का सा हो जाएगा
और पहाड़ धुनके हुए ऊन का सा
बावजूद कि एक दूसरे को देखते होंगे