जिसने तुम्हारी कमर तोड़ रखी थी
और तुम्हारा ज़िक्र भी बुलन्द कर दिया
तो (हाँ) पस बेशक दुशवारी के साथ ही आसानी है
यक़ीनन दुश्वारी के साथ आसानी है
तो जब तुम फारिग़ हो जाओ तो मुक़र्रर कर दो
और फिर अपने परवरदिगार की तरफ रग़बत करो
इन्जीर और ज़ैतून की क़सम
और तूर सीनीन की
और उस अमन वाले शहर (मक्का) की
कि हमने इन्सान बहुत अच्छे कैड़े का पैदा किया
फिर हमने उसे (बूढ़ा करके रफ्ता रफ्ता) पस्त से पस्त हालत की तरफ फेर दिया
मगर जो लोग ईमान लाए और अच्छे (अच्छे) काम करते रहे उनके लिए तो बे इन्तेहा अज्र व सवाब है
तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला सकता है
क्या ख़ुदा सबसे बड़ा हाकिम नहीं है (हाँ ज़रूर है)
(ऐ रसूल) अपने परवरदिगार का नाम लेकर पढ़ो जिसने हर (चीज़ को) पैदा किया
उस ने इन्सान को जमे हुए ख़ून से पैदा किया पढ़ो
और तुम्हारा परवरदिगार बड़ा क़रीम है
जिसने क़लम के ज़रिए तालीम दी
उसीने इन्सान को वह बातें बतायीं जिनको वह कुछ जानता ही न था
सुन रखो बेशक इन्सान जो अपने को ग़नी देखता है
तो सरकश हो जाता है
बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ (सबको) पलटना है
भला तुमने उस शख़्श को भी देखा
जो एक बन्दे को जब वह नमाज़ पढ़ता है तो वह रोकता है
भला देखो तो कि अगर ये राहे रास्त पर हो या परहेज़गारी का हुक्म करे
(तो रोकना कैसा)